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नेमिनाथ-चरित्र और देव सम्पत्ति प्राप्त हुई है, इसलिये मैं आपका दर्शन करने आया हूँ। आपकी सदा जय हो!" ।
इतना कह वह देव सात क्रोड़ सुवर्ण मुद्राओंकी वर्षा कर अन्तर्धान हो गया। जैन धर्मका यह साक्षाद 'फल देखकर राजा ऋतुपर्ण भी बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने भी जैन धर्म स्वीकार कर लिया।
दो एकदिन बाद हरिमित्रने राजा ऋतुपर्णसे कहा :'हे राजन् ! दमयन्तीको अब अपने पिताके घर जानेकी आज्ञा दीजिये। उसके माता पिता उसके वियोगसे बहुत दुःखित हो रहे हैं।" __ राजा और रानीने इसके लिये सहर्ष अनुमति दे दी। उनकी रक्षाके लिये उन्होंने एक छोटीसी सेना भी उनके साथ कर दी। यथा समय दमयन्ती सबसे मिल भेंट कर एक रथमें बैठ, अपने पित-गृहके लिये रवाना हुई। ___ हरिमित्रने कुंडिनपुरके समीप पहुँचनेके पहले ही दमयन्तीके आगमनका समाचार राजा भीमरथको भेज दिया था, इसलिये राजा भीमरथ बड़ेही प्रेमसे अपनी पुत्रीको लिवानेके लिये सामने आ पहुंचे। पिताको