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(3) श्री रंगलाल जी
सामाजिक कार्यकर्ता एव अध्यात्मप्रेमी का जन्म सन् 1901 मे 8 जनवरी को श्री भोलाराम जी के घर मलतान मे हुआ था । बाल्यावस्था मे ही आपको व्यवसाय का भार सौप कर आपके पिता व्यवसाय से विरक्त होकर उदासीन वृत्ति से अध्ययन आदि मे लग गये | आपने अपने दो भाइयो के नाथ कठिन परिश्रम से अपने व्यवसाय मे बहुत उन्नति की और आपकी फर्म का नाम मारे पंजाब में प्रसिद्ध हो गया। पाकिस्तान बनने के पश्चात् आप दिल्ली आये और अपना व्यवसाय प्रारम्भ किया और थोडे ही समय मे नदर बाजार के प्रमुख व्यापारियो मे गिने जाने लगे और समाज के वडे धनिक परिवारो से आपकी गिनती होने लगी । प्रारम्भ से ही आपको धर्म मे अच्छी रुचि थी ।
आत्म कल्याण हेतु वस्तु स्वरूप समझने के लिए अब स्वाध्याय मे आपकी विशेष रुचि है। इन हेतु आप कई वार सोनगढ भी गये और वहा पर अपने रहने के लिए मकान भी बनवाया ताकि समय समय पर वहा जाकर सत् पुन्ष श्री कानजी स्वामी आदि विद्वानो के प्रवचनो का लाभ ले सके । आपने आदर्शनगर मन्दिर मे भी महावीर कीर्ति स्तम्भ बनाने हेतु 25,000 /- रु प्रदान किये है |
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आपके मन मे परोपकार की भी तीव्र भावना है जिससे आप दिल्ली आदि में विधवाओ, अनाथ एव दुखियों को हमेशा गुप्तदान देते रहे है ।
इसी भावना से ओत-प्रोत होकर आपने जयपुर मे मुलतान दि० जैन समाज के कुछ महानुभावो की प्रेरणा से महावीर जीव कल्याण समिति की स्थापना कराई और उसमे परोपकार हेतु सर्वप्रथम बहुत बडा आर्थिक योगदान दिया ।
मुलतान दिगम्बर जैन समाज - इतिहास के आलोक मे
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