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________________ सन् 1947 मे पाकिस्तान बनने के पश्चात् मुलतान से मूर्तिया एत्र शास्त्र भण्डार आदि को भारत ले जाने मे आपने बहुत योग दिया और अपने परिवार सहित दिल्ली आ गये, जहा आपने अपनी होजरी का व्यवसाय प्रारम्भ किया और उसमे अच्छी उन्नति की । आदर्शनगर जयपुर मे वन रहे श्री दि० जैन मन्दिर निर्माण कमेटी के 1956 ई मे सचालक मनोनीत हुए और उस कार्य को आपने बहुत योग्यता से पूरा किया और उसके लिए जयपुर खुद गये और वास्तुकला विशेषज्ञ पल्टु सिंह जैन को साथ लेकर मन्दिर की बहुत बडी छत आदि का कार्य सम्पन्न कराया। 27 मई, 1962 को दि० जैन मन्दिर आदर्शनगर जयपुर की वेदी प्रतिष्ठा के समय आपका बहुत योगदान रहा । आपकी धर्मपत्नी का नाम श्रीमती मुकन्दीवार्ड था जिनका वीमारी के कारण असमय मे ही स्वर्गवास हो गया । आपके श्री वीर कुमार एक पुत्र तथा एक पुत्री है | आप धर्म ध्यान करते-करते इस नश्वर शरीर को छोड स्वर्ग सिधार गये । सस्थान - भोलाराम रिखवदास जैन, होजरी मर्चेन्ट, सदर वाजार, दिल्ली । श्री वीर कुमार श्री वीर कुमार जी का जन्म 8 फरवरी 1937 को श्री आसानन्द के घर मुलतान में हुआ था । मुलतान एव दिल्ली मे स्कूली शिक्षा के बाद हिन्दु कालेज दिल्ली में 1959 मे स्नातक की शिक्षा प्राप्त की तथा 1966 में आपने अपनी फर्म भोलाराम रिखवदास का कार्य भार सम्भाल लिया । उसमें बहुत उन्नति की । नवम्बर 1972 मे आप मुलतान जैन परिषद के अध्यक्ष मनोनीत हुए । आप भी शान्तिप्रिय, गम्भीर एव मिलनसार व्यक्ति है । आपकी धर्मपत्नी का नाम कुसुम जैन है | आपके पकज, प्रणय एव प्रशान्त तीन पुत्र हैं । सस्थान - भोलाराम रिखवदास जैन, सदर बाजार, दिल्ली | निवास - ए - 2 / 1 सफदरगज डवलपमेन्ट एरिया, नई दिल्ली - 16 166 1 फोन 515313 फोन 665353 • मुलतान दिगम्बर जैन समाज - इतिहास के आलोक मे
SR No.010423
Book TitleMultan Digambar Jain Samaj Itihas ke Alok me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMultan Digambar Jain Samaj
Publication Year
Total Pages257
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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