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श्री वालकिशनजी
श्री भंवरचन्दजी के चतुर्थ पुत्र है । आपकी धार्मिक गीतो आदि के बोलने मे काफी रुचि है । नित्य पूजन में बडे उल्लास से भाग लेते है । समाज मे होने वाले सभी उत्सवो आदि को अपने धार्मिक गीतो से मफल करने मे आपका प्रमुख योग रहता है | आपकी धर्मपत्नी श्रीमती पुष्पा देवी है । आपके सजय मात्र एक पुत्र एवं एक पुत्री है | आप अपने भाईयो के साथ सिंगवी सदन में रहते हैं । भवरचन्द, ज्ञानचन्द कटला पुरोहितजी मे व्यवसाय करते हैं ।
श्री वल्लभदासजी श्री
बहुत
श्री वल्लभदासजी सन्तीरामजी के दूसरे सुपुत्र थे । आपका जन्म आज से 63 वर्ष पूर्व डेरागाजी खान मे हुआ था। आपको प्रारम्भ से ही भगवत भक्ति मे लगन थी । पहले आपने डेरागाजीखान मे व्यवसाय किया इसके पश्चात् पजाव की कई मण्डियो मे व्यवसाय हेतु रहे । वाद मे आपने मुलतान मे आकर अपने बड़े भाई श्री भवरचन्दजी के साथ व्यवसाय किया । पाकिस्तान बनने के पश्चात् आप जयपुर में आकर अपना अलग जगदीश जनरल स्टोर, कटला पुरोहितजी मे जनरल मर्चेन्टस का व्यवसाय करने लगे । आपको जिनेन्द्र पूजन मे अति उत्साह था। आप जीवन पर्यन्त नित्य देव पूजन करते रहे । आपने जीवन मे संयम का भी भली प्रकार पालन किया । अग्रेजी दवाई आदि का आपने कभी प्रयोग नहीं किया और अन्त समय तक घोर वेदना होने पर भी शान्ति से पानी बादि के त्याग का भली भाति पालन करते हुए सन् 1980 मार्च मे आपने शरीर छोडा । आपकी धर्मपत्नी का नाम श्रीमती पूरण देवी है और श्री प्रभाचन्द, श्री मनोहरलाल, श्री भीमसेन' श्री जगदीशकुमारजी, व श्री अर्जुनलालजी पाच पुत्र है जो अपने-अपने व्यवसाय मे भली प्रकार कार्यरत है। ये आपके निवास स्थान 143 गुरुनानक पुरा परनामी मन्दिर मादर्शनगर में सयुक्त रूप से रह रहे है ।
श्री बल्लभदासजी के पुत्र
श्री प्रभाचन्दजी
बल्लभदासजी के प्रथम पुत्र है स्कूली शिक्षा के बाद आप व्यवसाय मे लग गये । उत्साही कर्मठ कार्यकर्ता है। आपकी जिनेन्द्र भक्ति आदि मे विशेष रुचि है । आपकी धर्मपत्नी का नाम कुसुमलता जैन है । आपके राजकुमार और आसीम दो पुत्र एवं एक पुत्री है | परिवार के साथ परनामी ब्लाक आदर्शनगर मे रहते है ।
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व्यवसाय — प्रभा जनरल स्टोर, घी वालो का रास्ता मे जनरल मर्चेन्टस का व्यापार है ।
● मुलतान दिगम्बर जैन समाज - इतिहास के आलोक मे
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