SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 144
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Arr. श्री मुलतान दिगम्बर जैन समाज के वर्तमान अध्यक्ष श्री न्यामतरामजी का जन्म मुलतान मे सन् 1904 को श्री मूलचन्दजी सुपुत्र श्री विहारी लाल नौलखा के घर हुआ। आप सामान्य शिक्षा प्राप्त कर अपने व्यवसाय मे लग गये। प्रारम्भ से ही सामाजिक कार्यों में आपकी सर्वाधिक रुचि थी, समाज के किसी भी व्यक्ति पर कोई भी सकट आने पर आप उसे निवारण करने में सबसे आगे रहते थे। MahimamimaARASys : " आप धर्म के प्रति विशेष श्रद्धावान आचरण के प्रति निष्ठावान, स्वाध्यायमे तत्पर, सेवा भावी व कर्मठ कार्यकर्ता रहे हैं। इसीका परिणाम था कि आपकी मित्रता एव घनिष्ठता अन्य मतावलम्बियो के माथ होने पर भी, सद्गृहस्थानुसार खानपान श्री न्यामतरामजी एव आचरण मे हमेशा दृढ रहे। _ समाज मे एकता स्थापित कर सगठित रूप से धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों को करने मे आपकी विशेप रुचि रही है। सन् 1947 ई० मे भारत विभाजन के समय जब पूरे पाकिस्तान मे मारकाट मची हुई थी उस समय अपने परिवार की चिन्ता न करते हए पूरे समाज को वहा से भारत लाने के लिये मुलतान से दिल्ली आये, तथा कुछ अन्य साथियो के साथ कठिन परिश्रम से वायुयानो का प्रबंध करके पूरे ममाज को मुलतान से सुरक्षित एव सकुशल भारत लाने मे आपका बहुत बड़ा योगदान रहा है। आदर्श नगर मे दिगम्बर जैन मन्दिर के निर्माण मे प्रारम्भ से ही आपका विशेष योगदान रहा । मदिर निर्माण हे धन एकत्रित करने. निर्माण कार्य को कार्यान्वित कराने आदि मे आपका पूर्ण सहयोग रहा है, जिसका ही परिणाम है कि आज हमारे समक्ष इतना विशाल भव्य एव दर्शनीय जिन मदिर तैयार हो सका है। समाज के सचालन हेतु आपमे नेतृत्व की विशेष क्षमता है, फलस्वरूप आप पिछले 20 वर्षो से प्राय अध्यक्ष पद पर आसीन रहकर समाज का कुशल सचालन करते आ रहे है, और हमेशा प्रतिवर्ष निविरोध अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होते रहे हैं। आप लौकिक क्षेत्र मे नोतिवान, व्यावसायिक क्षेत्र मे कुशल, वद्धिमान एव लोकप्रिय है, तदर्थ जनरल मर्चेट एसोसियेशन के वर्षों तक अध्यक्ष पद पर आसीन रहे हैं। आपके श्री प्रकाशचदजो, श्री वमीलालजी, व श्री शीलकुमारजी तीन पुत्र एव चार पत्रिया है। प्रकाश जनरल स्टोर कटला पुरोहित आपका व्यावसायिक सस्थान है। दिगम्बर जैन मदिर आदर्शनगर के सामने वाली लाइन मे प्लाट न० 612 आपका निवास स्थान है। :04 ] ० मुलतान दिगम्बर जैन समाज-दतिहास के आलोक मे
SR No.010423
Book TitleMultan Digambar Jain Samaj Itihas ke Alok me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMultan Digambar Jain Samaj
Publication Year
Total Pages257
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy