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स्वर्गीय श्री कवरभानजी का जन्म सिगवी परिवार मे श्री जेठानदजी के सुपुत्र श्री मोतीरामजी के घर डेरागाजीखान मे हआ था। बचपन से ही इनकी धार्मिक कार्यों मे विशेप रुचि थी, जैसाकि भजन मण्डली आदि बनाकर न केवल-डेरागाजीखान मे ही वल्कि पंजाव आदि के नगरो मे जाकर नगीत के माध्यम से धर्म प्रचार किया करते थे। आप स्वभाव से विनीत, मधुर एव कोमल थे। स्वय ही शास्त्राभ्यास से इतना ज्ञानार्जन किया कि शास्त्र सभा मे प्रवचन करने लगे। समाज के अन्य कार्यो मे भी बढ चढकर भाग लेने के कारण युवावस्था मे समाज के अध्यक्ष मनोनीत हुए और पाकिस्तान बनने तक उसी पद पर आसीन रहते
हए समाज का सचालन करते रहे। श्री कवरमानजी कुमात्र वृद्धि होने के कारण आपने अपने व्यवसाय मे भी विशेष प्रगति की तथा शहर म अवमायियो में आपका नाम गिना जाने लगा।
सन् 1947 में पाकिस्तान मे जयपर आकर रहने के पश्चात, सरकार ने जव परवमाने की योजना बनाई और सहकारी समितियो के माध्यम से मकान बनाने 2 भावटित की तो आप भी प जाव रिहीविलीटेशन कोआपरेटिव सोसायटी के
नवाचित हुए, और समाज के बहत से व्यक्तियो को आग्रह पूर्वक मकान दिलवाये ..२ मा मकान बनाकर आदर्शनगर में बसने के समय आसपास कोई दि जैन मदिर
+ कारण अपने घर में एक अस्थाई चैत्यालय की स्थापना करके आदर्शनगर में निष्ठा का यह प्रत्यक्ष प्रमाण है ।।
सभा साधर्मी भाइयो को धर्म दाधन की सुविधा उपलब्ध कराई, धर्म के प्रति 3 समय वाद अथक प्रयास करके मदिर निर्माण हेतु राज्य सरकार से जमीन 15 तथा समाज के प्रमुख महानुभावो को एकत्रित करके मदिर निर्माण की योजना
उस समय उसमें सर्वप्रथम सबसे अधिक आर्थिक सहयोग देकर ऐसा बीजाशेपण सके परिणामस्वरूप आज यह विशाल भव्य जैन मदिर प्रस्फुटित हुआ है, जिससे 'म सदव चिरस्मरणीय रहेगा। आप जीवन पर्यंत मुलतान दि० जैन समाज ॐ अव्यक्ष पद पर आसीन रहते हए समाज का कुशल नेतृत्व करते रहे।
जयपुर मे भी आपने अपने व्यवसाय मे विशेष सफलता प्राप्त की।
मचन्ट के व्यवसाय मे आपकी फर्म मोतीराम कवर भान जौहरी वाजार जयपुर का नाम सर्वप्रथम है।
था आसानन्दजी, श्री खुशीरामजी, श्री अर्जुनलालजी एव श्री शभकुमारजी आपके पुत्र ह एव श्रीमती रतन देवी एक पत्री है । इन सबको छोडकर दिनाक 31 जनवरी, 02 को आपका समाधि पूर्वक स्वर्गवास हो गया। - मुलतान दिगम्बर जैन समाज इतिहास के पालोक मे
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आदर्गनगर बमाने की योजना बन हेतु जमीन आवटित की तो आप
नहीं होने के कारण अपने घर रहने वाले सभी साधमा
आवटित कराई तथा समाज क बनाई, तथा उस समय उसम किया जिसके परिणामस्वरूप आपका
जनरल