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सूत्र नम्बर
विषय
दशवाँ अध्याय
भूमिका
१ केवलज्ञानकी उत्पत्तिका कारण केवलज्ञान होते ही मोक्ष क्यों नहीं होता
२ मोक्षके कारण और उसका लक्षण मोक्ष यत्न से साध्य है
३-४ मोक्षदशा में कर्मोंके अलावा किसके अभाव होता है। ५ मुक्त जीवोंका स्थान
६ मुक्त जीवके ऊर्ध्वगमनका कारण
७
सूत्र कथित ऊर्ध्वगमनके चारों कारणोंके दृष्टान्त ८ लोकाप्रसे आगे नही जानेका कारण
Ε
मुक्त जीवों में व्यवहारनयकी अपेक्षासे भेद उपसंहार-मोक्षतत्वकी मान्यता सम्बन्धी होनेवाली भूल और उसका निराकरण
अनादि कर्म बन्धन नष्ट होनेकी सिद्धि
आत्मा बन्धनकी सिद्धि
मुक्त होनेके बाद फिर बन्ध या जन्म नहीं होता
बन्ध जीवका स्वाभाविक धर्म नहीं
सिद्धों का लोकापसे स्थानांतर नहीं होता अधिक जीव थोड़े क्षेत्रमें रहते हैं ?
: सिद्ध जीवोंके आहार
परिशिष्ट - १ - प्रन्थका सारांश
मोक्षमार्गका दो प्रकारसे कथन
व्यवहार मोक्षमार्ग साधन है इसका क्या अर्थ
मोक्षमार्ग दो नहीं
निश्चय मोक्षमार्गका स्वरूप-व्यवहार मोक्षमार्गका स्वरूप
पत्र संख्या
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