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सूत्र नम्बर
विषय
कर्म सिद्धान्त के अनुसार केवलीके अन्नाहार होता ही नहीं सूत्र १०-११ का सिद्धान्त और ६ आठवें सूत्रके साथ उसका
सम्बन्ध
१२ ६ से ६ में गुणस्थान तककी परीषह
१३ ज्ञानावरण कर्मके उदयसे होनेवाली परीषद
१४ दर्शन मोहनीय तथा अन्तरायसे होनेवाली परीषह १५ चारित्र मोहनीयसे होनेवाली परीषह
१६ वेदनीय कर्मके उदयसे होनेवाली परीषहें
१७ एक जीवके एक साथ होनेवाली परीषद्दोंकी संख्या
१८ चारित्रके पॉच भेद और व्याख्या
छट्टो गुणस्थानकी दशा; चारित्रका स्वरूप चारित्रके भेद किसलिये बताये ?
सामायिकका स्वरूप, व्रत और चारित्रमें अन्तर निर्जरा तत्वका वर्णन
१६ बाह्यव्रत के ६ भेद-व्याख्या
सम्यक् तपकी व्याख्या
तपके भेद किसलिये हैं ? अभ्यन्तर तपके ६ भेद
२०
२१
अभ्यन्तर तपके उपभेद
२२ सम्यक् प्रायश्चितके नवभेद
निश्चय प्रायश्चितका स्वरूप
निश्चय प्रतिक्रमण - आलोचनाका स्वरूप
२३ सम्यक् विनय तपके चार भेद निश्चय विनयका स्वरूप
२४ सम्यक् वैयावृत्य तपके १० भेद २५ सम्यक् स्वाध्याय तपके पाँच भेद
२६ सम्यक व्युत्सर्ग तपके भेद
पत्र संख्या
६६५
६६६
६६६
६६७
६६७
६६ ८
६६८
६६८
७०१
७०२-३
७०३
७०४-६
७०६
७०७
७१०
७१०
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