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सूत्र नम्बर
३७ सल्लेखनाके पॉच अतिचार
३८ दानका स्वरूप
करुणादान
३६ दानमें विशेषता
विषय
नवधा भक्तिका स्वरूप-विधि द्रव्य, दाता और पात्रको विशेषता
दान सम्वन्धी जानने योग्य विशेष बातें
उपसंहार
अध्याय आठवाँ
मिथ्या अभिप्रायकी कुछ मान्यतायें
मिथ्यादर्शनके दो भेद
गृहीत मिथ्यात्व के भेद, एकान्त, संशय, विपरीत, अज्ञान विनय उनका वर्णन तथा विशेष स्पष्टीकरण
भूमिका
६०६
१ वन्धके कारण
६०६
बन्धके पाँच कारणों में अन्तरंग भावोंकी पहिचान करना चाहिये ६१०
मिथ्यादर्शनका स्वरूप
६११
६१४
६१५
प्रविरति, प्रमाद, कपाय और योगका स्वरूप
किस गुणस्यानमें क्या चन्ध होता है ? महापाप कौन है ? इस सूत्रका सिद्धान्त
२ चन्धका स्वरूप
३ बन्धके भेद
१ प्रकृति यन्धके मूल भेद ( आठ कर्मके नाम )
५
प्रकृति यन्धके उत्तर भेद
६
ज्ञानावरण कर्मके ५ भेद
७ दर्शनावरण कर्मके भेद
を
= वेदनीयकर्मके दो भेद
पत्र संख्या
५६८
૫૮
६०१
६०१
६०१
६०२-६०३
६०३
६०४
६१६-६२०
६२०-६२१
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६२७
६२८
६२६
६३०