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सूत्र नम्बर
१५ चोरीका स्वरुप
१६ श्रब्रह्म - ( कुशील ) का स्वरूप
१७ परिप्रहका स्वरूप
१८ व्रनीकी विशेषता
द्रव्यलिंगीका अन्यथापन १८ वें सूत्रका सिद्धान्त
व्रतीके भेद
६७
विषय
१६
२० सागारकं भेद
२१ अणुव्रत के महायक मात शीलवन
तीन गुणव्रत और चार शिक्षात्रतों का स्वरूप ध्यान में रखने योग्य सिद्धान्त
२२ प्रतीको सल्लेखना धारण करनेका उपदेश २३ सम्यग्दर्शन के पाच अनिचार
पांच अतिधार स्वरूप
२४ पोच प्रत श्रीर सात शीनोंके प्रतिधार
२५ अहिमान के पांच प्रतिचार
२६ मत्यारणुव्रत के प्रतिचार २७ अनर्यातके पांच अनिवार माचर्याघन के पांच प्रतिचार
२
परिषद परिमाण पशुमन के पाँच प्रतिवार ३० दिन के पोच अनिवार
५१ देश के परिवार
५२ अनर्थ पाच विचार
३३ सामाजिक शिप पनियार
३४ दोषपोरान शिला में दर
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