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सूत्र नम्बर विषय
पत्र संख्या अ० २ से ४ तक यह अस्ति नास्ति स्वरूप कहाँ कहाँ बताया है उसका वर्णन
३७२ से ३७४ सप्तभंगीके शेष पाँच भंगका वर्णन
३७४ जीवमें अवतरित सप्तभंगी
३७४ उसमें लागू होने वाले नय प्रमाण, निक्षेप, स्वज्ञेय, अनेकान्त
३७५-३७६ सप्तभंगी और अनेकान्त
३७६ -नय, अध्यात्मके नय, उपचार नय
३५-३७६ - - सम्यम्हष्टिका और मिथ्यादृष्टिका ज्ञान्ह
३७० अनेकान्त क्या बतलाता है ?
३८१ । शास्त्रों के अर्थ करनेकी पद्धति
३८२ मुमुक्षुओका कर्तव्य
३६३ देवगतिकी व्यवस्था [ भवनत्रिका
३८४ देवगतिकी व्यवस्था ( वैमानिक)
३८६ पंचम अध्याय
३८ १ .अजीव तत्वका वर्णन
३५६ ३ ये अजीवकाय क्या है
३६१ ३ -द्रव्यमें जीवकी गिनती
३६R ४ -पुद्गल द्रव्यसे अतिरिक्त द्रव्योंकी विशेषता . .'नित्य' और 'अवस्थित' का विशेष स्पष्टीकरण ५ एक पुद्गल द्रव्यका ही रूपिव बतलाते हैं:
३६४ ६ धर्मादि द्रव्योंकी संख्या
३६६ ७ इनका गमन रहितत्व ८ धर्मद्रव्य, अधर्मद्रव्य और एक जीवद्रव्यके प्रदेशोंकी संख्या ३६७-६८ * आकाशके प्रदेश
३६१
• भूमिका
-३६३