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सूत्र नम्बर
पत्र संख्या
अध्याय २ का उपसंहार
२६५
पारिणामिक भावके सम्बन्ध में
२६६
धर्म करनेके लिये पॉच भावोंका ज्ञान उपयोगी है १
२८
उपादान और निमित्त कारणके सम्बन्ध में
૨૮
पाँच भावों के साथ इस अध्याय के सूत्रोंके सम्बन्धका स्पष्टीकरणं २४४ निमित्त नैमित्तिक सम्बन्ध
२३
तात्पर्य
२६४
अध्याय तीसरा
५६
विषय
भूमिका अधोलोकका वर्णन
१
सात नरक- पृथिवियाँ
२ सात पृथिवियोंके बिलोंकी संख्या
नरक गति होनेका प्रमाण
३ नारकियों के दुःखों का वर्णन
४ नारकी जीव एक दूसरेको दुःख देते हैं
५ विशेष दुःख
६ नारकोंकी उत्कृष्ट आयुका प्रमाण
सम्यग्दृष्टियों को नरक में कैसा दुःख होता है ?
७ मध्यलोकका वर्णन, कुछ द्वीप समुद्रोंके नाम
८ द्वीप और समुद्रोंका विस्तार और आकार * जम्बूद्वीपका विस्तार और आकार
१० उसमें सात क्षेत्रोंके नाम
११ सात विभाग करनेवाले छह पर्वतोंके नाम
१२ कुलाचल पर्वतोंका रंग
१३ 'कुलाचलोंका विशेष स्वरूप
१४ - फुलाचलोंके ऊपर स्थित सरोवरोंके नाम
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