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सूत्र नम्बर
विषय
३० अविप्रहगतिमें आहारक अनाहारककी व्यवस्था ३१ जन्मके भेद
३२ योनियोंके भेद
३३ गर्भ जन्म किसे कहते हैं ?
३४ उपपादजन्म किसे कहते हैं ?
३५ सम्मूर्च्छन जन्म किसके होता है ? ३६ शरीरके नाम तथा भेद
शरीरोंकी सूक्ष्मताका वर्णन
४६ आहारक शरीरका स्वामी तथा उसका लक्षण
आहारक शरीरका विस्तारसे वर्णन
लिग - वेदके स्वामी
पत्र संख्या
२६७
२६८
३७
३८ पहिले पहिले शरीरकी अपेक्षा आगे आगेके शरीरों के प्रदेश३६ थोड़े होंगे या अधिक १
४० तैजस - कार्माण शरीरकी विशेषता
४१ तैजस - कार्माण शरीरको अन्य विशेषता
४२ - वे शरीर संसारी जीवोंके अनादि कालसे हैं
४३
एक जीवके एक साथ कितने शरीरोंका सम्बन्ध ? ४४ कार्मण शरीरकी विशेषता
४५ औदारिक शरीरका लक्षण
४६ वैकियिक शरीरका लक्षण
४७ देव और नारकियोंके अतिरिक्त दूसरोंके वैक्रियिक शरीर होता है या नहीं ?
:
२७६
४८ वैक्रियिकके अतिरिक्त किसी अन्य शरीरको भी लब्धिका
निमित्त है ?
५०
५१
देवोंके लिग
५२
अन्य कितने लिग वाले हैं ?
५३ - किनकी आयु अपवर्तन ( - अकाल मृत्यु ) रहित है ?
२६६
२७१
२७१
२७२
२७२
२७३
२७३–२७४
२७४
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२७६
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२८०
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