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सूत्र नम्बर
विषय
पत्र संख्या 'सत्' शब्दके प्रयोगका कारण संख्या और विधानमें अन्तर क्षेत्र और अधिकरणमें अन्तर वगैरह 'भाव' शब्दका निक्षेपके सूत्र में कथन होने पर भी यहाँ किसलिये
कहा ? विस्तृत वर्णनका प्रयोजन, ज्ञान सम्बन्धी विशेष स्पष्टीकरण
सूत्र ४ से ८ तकका तात्पर्यरूप सिद्धान्त ६ सम्यग्ज्ञानके भेद-मतिज्ञानादि पाँचों प्रकारका स्वरूप
नवमें सूत्रका सिद्धान्त कौनसे ज्ञान प्रमाण हैं ?
सूत्र -१० का सिद्धान्त ११ परोक्ष प्रमाणके भेद
५५ क्या सम्यक् मतिज्ञान यह जान सकता है कि अमुक जीव भव्य
है या अभव्य ? मति-श्रुतिज्ञानको परोक्ष कहा उसका विशेष समाधान १२ प्रत्यक्ष प्रमाणके भेद मतिज्ञानके नाम
५८ १४ मतिज्ञानकी उत्पत्तिके समय निमित्त
मतिज्ञानमें ज्ञेय पदार्थ और प्रकाशको भी निमित्त क्यों नहीं कहा ? ६२ निमित्त और उपादान
६४-६५ १५ मतिज्ञानके क्रमके भेद-अवग्रह, ईहादिका स्वरूप
६५ १६ अवग्रहादिके विषयभूत पदार्थ बहु, बहुविधादि बारह भेदकी व्याख्या
६७-६८ प्रत्येक इन्द्रिय द्वारा होनेवाले इन बारह प्रकारके मतिज्ञानका स्पष्टीकरण,
६६ शका-समाधान १७ अवग्रहादिके विषयभूत पदार्थ भेद किसके हैं ?
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