________________
मंगलमन्त्र णमोकार एक अनुचिन्तन
२११
कारमन्त्र द्वारा लोग मन्त्रित कर रोगीको खिला देने से सिरदर्द तत्काल बन्द हो जाता है । एक दिन वीच देकर आनेवाले बुखार मे केसर द्वारा पीपलके पत्तेपर णमोकार मन्त्र लिखकर रोगी के हाथमे बाँध देनेसे बुखार नही आता है । पेट दर्द कपूरको णमोकार मन्त्र द्वारा मन्त्रित कर खिला देने से पेटदर्द तत्काल रुक जाता है। लक्ष्मी प्राप्तिके लिए जो प्रतिदिन प्रात काल स्नानादि क्रियाओसे पवित्र होकर "ओं श्रीं क्लीं णमो सरिहंताणं ओं श्रीं क्लीं णमो सिद्धाणं श्रीं श्रीं क्लीं णमो भाइरियाण श्रीं श्रीं क्लीं णमो उवज्झायाण ओं श्रीं क्लीं णमो लोए सव्व साहूणं" इस मन्त्र - का १०८ बार पवित्र शुद्ध धूप देते हुए जाप करते हैं, उन्हें निश्चयतः लक्ष्मी प्राप्ति होती है । इन सब साधनाओंके लिए एक बात आवश्यक है कि मन्त्रके ऊपर श्रद्धा रहनी चाहिए। श्रद्धा के अभाव मे मन्त्र फलदायक नहीं हो सकता है । अतएव निष्कर्ष यह है कि इस कलिकालमे समस्त पापोका ध्वंसक और सिद्धियोको देनेवाला णमोकार मन्त्र ही है। कहा गया है
जापाज्जयेत्क्षयमरोचकमग्निमान्यं
कुष्ठोदरा मक्सनश्वसनादिरोगान् ।
प्राप्नोति चाऽप्रतिमवाग् महतीं महदुद्भ्यः
पूजां परत्र च गतिं पुरुषोत्तमाप्ताम् ॥ लोक द्विष्टप्रियावश्य घातकादेः स्मृतोऽपि यः । मोहनोच्चाटनानुष्टि-कार्मणस्तम्मनादिकृत् ॥ दूरयत्यापदः सर्वाः पूरयत्यन्न कामनाः ॥ राज्यस्वर्गापवर्गास्तु ध्यातो योऽमुत्र यच्छति ॥
विश्वके लिए वही आदर्श मान्य हो सकता है, जिसमे किसी सम्प्रदाय - विशेषकी छाप न हो । अथवा जो आदर्श प्राणीमात्रके लिए उपादेय हो, वही विश्वको प्रभावित कर सकता है । णमोकार महामन्त्रका आदर्श किसी सम्प्रदायविशेषका आदर्श नही है । इसमें नमस्कार की गयी