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मगलमन्त्र णमोकार : एक अनुचिन्तन १४९ सख्याके भग निकालने है, वही सख्या गच्छ कहलायेगी। अत यहां सर्वप्रथम ११ पदोकी भगसख्या लानी है, इसलिए ११ गच्छ हुआ। इसको एक-दोतीन आदि कर स्थापित किया - १२२।३।४।५।६।७।८।९।१०।११ ।
इस पदसख्यामे एक सख्याका भग एक ही हुआ, क्योकि एकका पूर्ववर्ती कोई अक नही है, अत. एकको किसीसे भी गुणा नही किया जा सकता है। दो सख्याके भग दो हुए, क्योकि दोको एक भगसख्यासे गुणा करनेपर दो गुणनफल निकला । तीन सख्याके भग छह हुए, क्योंकि तीनको दोकी भगसख्यासे गुणा करनेपर छह हुए। चार सख्याके भग चौबीस हुए, क्योकि तीनकी भंगसस्या छहको चारसे गुणा करनेपर चौबीस गुणनफल निष्पन्न हुआ । पाँच सख्याके भंग एक सौ बीस हैं, क्योकि पूर्वोक्त सख्याके चौबीस भगोको पांचसे गुणा किया, जिससे १२० फल आया। छह सख्याके भग ७२० आये, क्योकि पूर्वोक्त सख्या १२०४६ = ७२० सख्या निष्पन्न हुई । सात सख्याके भंग ५०४० हुए, क्योकि पूर्वोक्त भगसख्याको सातसे गुणा करनेपर ७२०४७ = ५०४० मख्या निष्पन्न हुई। आठ सख्याके भग ४०३२० आये, क्योकि पूर्वोक्त सात अकको भगसख्याको आठसे गुणा किया तो ५०४०४८%= ४०३२० भगोकी सख्या निष्पन्न हुई। नौ सख्याके भग ३६२८८० हुए, क्योकि पूर्वोक्त आठ अककी भगसख्याको ९ से गुणा किया। अत ४०३२०४९%D ३६२८८० भगसख्या हुई । दस सख्याकी भगसख्या लाने के लिए पूर्वोक्त नौ अककी भगसंख्याको दससे गुणा कर देनेपर अभीष्ट अक दसकी भगसख्या निकल आयेगी। मत ३६२८८०४१० = ३६२८८०० भगसस्या दसके अककी हुई। ग्यारहवें पदकी भगसख्या लानेके लिए पूर्वोक्त दसकी भगसख्याको ग्यारहसे गुणा कर देनेपर ग्यारहवें पदकी भगसख्या निकल आयेगी। मत ३६२८८००४११ = ३९९१६८०० ग्यारहवें पदकी भंगसंख्या हुई।
प्रधान रूपसे णमोकार मन्त्रमे पांच पद है। इनकी भगसख्या = १।२।३।४।५, १४१ = १,१४२ %२२४३% ६;६४४% २४;