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१४ मगलमन्त्र णमोकार : एक अनुचिन्तन प्रकारकी रुकावट और वाघाके किया है, अतः उस पावन संस्थाके प्रति आभार प्रकट करना भी मैं अपना कर्तव्य समझता हूँ। इसे प्रकाशमे लानेका श्रेय भारतीय ज्ञानपीठ काशीके मन्त्री श्री अयोध्याप्रसादजी गोयलीयको है, मैं आपका भी हृदयसे कृतज्ञ हूँ। प्रूफ संशोधक श्री महादेव चतुर्वेदीजीको भी धन्यवाद है ।
मार्गशीर्ष शुक्ल प्रतिपदा
वि० स० २०१३
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- नेमिचन्द्र शास्त्री