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फिर क्या हुआ ?
" हे गौतम | उसकी स्थिति चार पल्योपम की कही गई है। उसके बाद वह दर्दुरदेव आयु के क्षय से, भव के क्षय से, और स्थिति के क्षय से तुरन्त वहाँ से च्यवन करके महाविदेह क्षेत्र मे सिद्ध होगा, बुद्ध होगा और जन्ममरण का अन्त करेगा ।
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हे गौतम । स्मरण रखो - ममत्व दुर्गति का कारण है । भावशुद्धि से सद्गति की प्राप्ति होती है ।"
-ज्ञातासूत्र