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भोगभूमि पर कुळकर काळ रै साग एक तर सूप्रागैतिहासिक जुग समाप्त हुवे । मिनख करम अर पुरुपार्थ र जुग में प्रवेस कर'र नू ई सभ्यता र संस्कृति रो इतिहास मांडणो सरु करै। इण नूवै जुग रा प्रमुख धरम नेता चौवीस तीर्थकर तथा वीजा उनतालीस' महापुरुष हुया । से मिला'र 'विपण्ठिशलाका पुरुष' कहीजै ।
१. क-बारा चक्रवर्ती- (१) भरत (२) सगर (३) मधवा (४) सनत
कुमार (५) गान्तिनाथ (६) कुन्युनाथ (७) प्ररनाथ (८) सुभूम (६) पद्म (१०) हरिषेण
(११) जयसेन (१२) ब्रह्मदत्त । ख-मीनळदेव- (१३) विजय (१४) प्रचल (१५) सुधर्म (१६)
सुप्रम (१७) मुदगंन (१८) नन्दी (१९) नन्दि
मित्र (२०) राम (२१) पद्म (बळराम)। ग-नी वासुदेव- (२२) त्रिपृष्ठ (२३) द्विपृष्ठ (२४) स्वयम्भू
(२५) पुरुषोत्तम (२६) पुरुपसिंह (२७)पुरुषपुण्डरीक (२८) दत्त (२९) नारायण (लक्षमण)
(३०) कृष्ण। प-नो प्रतिवासुदेव- (२१) अश्वनीव (३२) तारक (३३) मेरक
(३४) मधुकंटभ (३५) निशुम्भ (३६) वाळ (३७) प्रहलाद (३८) रावण (३६) जरासंध ।
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