________________ पृष्ठ पक्ति अशुद्ध शुद्ध पृष्ठ पक्ति प्रशुद 316 13 32. 11 320 14 320 1 320 11 पठ पत्रपठन पडेगा', 'पड़ेगा' विज्ञानी 'विज्ञानी' त्यन प्रत्यय गुरू " त्यत्र "त्पन्न भक्त्यै व प्रख्यार्पितगुणैः प्रख्यार्पितगुगः भिखारिण भिखारिणी कबरिहा वाङ्गमय बाङ्मय शक्तयेव 322 15 181 15 जात 162 18 नाटकी 211 16 दैनन्दनी 212 12 योग 251 1 शर्मा 251 14 उर्वमी 254 2 प्रसस्त 255 7 प्राय 262 16 बलात्मक 267 27 चैतन्य 268 6 अरोध 273 8 सामंजम 274 26 अन्र्तगत 276 17 श्राकर्षण 284 12 श्रात्मराम' 286 काउमका काव्यात्मकी 266 28 मरीम्ब जगत नाटकीय दैनन्दिनी प्रयोग बमा उर्वशी प्रशस्त श्राश्चर्य कलात्मक चेतन श्रारोप ममंजस अन्तर्जगत आकर्षक 'अात्माराम' बकरिहा 324 2 325 5 325 1 25 18 तेलीम तेली মৰিখ हर्षचरित शर जग शान 326 6 306 16 3 26 21 327 6 327 12 जा उप अन्धेरा घर घर কাস্বাম मरीग्वी उपधा निबन्ध आक्षेप इम शैली 334 22 क्रान्तितारी ग्रहस्थ'बने थे मगर दर्शना 337 15 1601 ई. माधिकार चिन्तनात्मक 306 25 साहित्यकार 336 25 विभिन्न घर घर 268 निबन्ध 301 31 अक्षेप क्रान्तिकारी शैली गृहस्थ बने हुए थे 304 1 कोटक माटे दर्शन विपन्न 3163 चिन्तनाजनक साहित्यिक "इन कथोद्धात उसका 'कृष्णाजु नयुद्ध' 313 27 भीड़ चंगी 14 15 दसरूपक गीति काव्यमय 215 6 प्रकारक रामकृया प्रेमा বল্প গাথা साहित्यिक कथोद्धात 'कृष्णार्जुन' 340 16 उसका नायक भीड दशरूपक काव्य म 341 12 342 4 7 भाच गौत प्रकार रायका पेरगा सा 47 पग्रकाषा ܘܪ ܕ 9 ܕ