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महावीर : मेरी दृष्टि में
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स्वामी रामतीर्थ हुए हैं । उनकी बड़ी अजीब सी आदत थी । अमरीका में लोगों को बड़ी मुश्किल हुई क्योंकि वह हमेशा अन्य पुरुष ( थर्ड पर्सन ) में हो बोलते थे । यहाँ तो उनके मित्र उन्हें पहचानने लगे थे । वहाँ तो बड़ी कठिनाई हुई। और हम अजीव अजीब तरह के लोगों के थोड़े आदी भी हैं । सारी दुनिया इतनी आदि नहीं है । यहाँ महावीर, बुद्ध जैसे अजीब-अजीब लोग हुए हैं। उन्होंने हमें बहुत सी बातों की आदत डलवा दी है जोकि दुनिया में बहुत लोग: को नहीं है । राम जब वहाँ पहुँचे तो लोग बड़ी मुश्किल में पड़ गए। क्योंकि वह कहते कि राम को इस वक्त बहुत भूख लगी है । अत्र जो आदमी स मने बैठा है वह चारों ओर देखता है कि कौन है राम ? क्योंकि अगर मुझे भूख लगो है तो मैं कहूँगा कि मुझे भूख लगी है और राम कहते हैं कि राम को बड़ी भूव लगी है, देखते क्या हो, कुछ इन्तजाम करो, राम बड़ा परेशान हो रहा है। उन लोगों ने कहा : कौन राम ? तो उन्होंने कहा कि यह राम । तो लोगों ने कहा कि आप ऐसा क्यों नहीं कहते कि 'मैं'। उन्होंने कहा, पैसा मैं कैसे कह सकता हूँ क्योंकि मैं तो खुद ही देख रहा हूँ कि 'राम' को तकलीफ हो रही है, 'रम' को भूख लगी है । 'राम' को मुश्किल हो रही है । 'राम' को मैं देख रहा हूँ । कई दफा ऐसा होता है कि कई लोग 'राम' को देते हैं, हम बहुत हंसते हैं । कहते हैं : देखो ! राम को कैसी पड़ो ? राम कैसी मुश्किल में फँसे ? आ गया न मजा ? अब यह जो ख्याल कि कहीं मैं अलग हूँ, सारे खेल से कहीं दूर हूँ, साक्षी बना देता है । तब वासना को दौड़ टूट जाती है । खेल फिर भी चलता है क्योंकि आप अकेले खिलाड़ो नहीं । खेल फिर भी चलता है क्योंकि खिलाड़ो बहुत हैं । और फिर खेलकर क्या बिगाड़ना है ?
ठंड लगी है ।
खूब गालो
बड़े बूढ़े छोटे बच्चों के साथ गुड़िया का खेल भी खेल लेते हैं ।
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एक मेरे मित्र जापान में किसी के मेहमान थे । हो घर में बड़ी सज-धज शुरू हो गई और घर के मालूम पड़े। उन्होंने पूछा कि बात क्या है । तो उन्होंने कहा कि आज विवाह है | आप भी सम्मिलित हों । उन्होंने कहा : जरूर सम्मिलित हो जाऊँगा । सांझ आ गई। घर में बड़ी तैयारी चलती रही। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सब तैयारी में लगे हैं । वह भी बेचारे बहुत तैयार हो गए। जब देखा तो बहुत हैरान हुए। जो विवाह था, वह एक गुड़िया और एक गुड्डे का था । पड़ोस के घर की एक लड़की ने गुड़िया की शादी रचाई थी ।
और पड़ोस के दूसरे
उन दोनों का विवह
उनको पता न था । सुबह
बड़े-बूढ़े भी बड़े उत्तेजित
घर के एक लड़के ने अपने गुड्डे का विवाह रचाया था
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