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महावीर । मेरी दृष्टि में मैं उसको कह हूँ। मैं बहुत डर गई है। पहले मैंने सोचा कि कहना है कि नहीं, इसलिए देर हो गई । क्या सपना देखा है, उसकी पत्नी ने पूछा । तो वह अपना सपना बताती है कि जनरल जिस हवाई जहाज से आज जा रहे हैं, वह टकरा जाता है बीच में । उसमें जनरल है, चालक है और एक औरत है। हवाई जहाज टकरा जाता है हालांकि मरता कोई नहीं है। तीनों बच जाते हैं । तो उसकी पत्नी ने कहा कि तुम्हारा सपना यहीं से गलत हो गया क्योंकि जनरल और चालक दो ही जा रहे हैं। उसमें कोई औरत नहीं है । और वह तो निकल चुके हैं । फिर भी, पत्नी और वह, दोनों कार से एयरपोर्ट पर पहुंचते हैं । तब तक जनरल जा चुका है। लेकिन एयरपोर्ट पर पता चला कि एक औरत भी पई हुई है । एक औरत ने वहीं बाकर कहा कि मेरा पति बीमार है । और मुझे इस वक्त कोई जाने का उपाय नहीं है। मुझे आप साथ ले चलें तो कृपा होगी। जनरल ने कहा कि हवाई जहाज खाली है, कोई बात नहीं है, तुम चलो। वह औरत साथ गई है । तब उसकी पत्नी घबड़ा गई है । वह एयरपोर्ट पर ही है कि खबर मिलती है कि वह जहाज टकरा गया है लेकिन मरा कोई नहीं है । और उस लड़की ने जिसको सपना आया है कहा है कि कितनी बड़ी चट्टान है जिससे बह जहाज टकराता है, कैसी जगह है, और वहां कैसे दरख्त हैं। वह सब शब्द-शब्द सही निकला है। लेकिन मगर यह सपना नहीं है तो बात अकस्मात् है। लेकिन अगर यह सपना है तो बात अकस्मात् नहीं है। कुछ कारण काम कर रहे हैं जिनका तालमेल नाषा घंटा या घण्टा भर बाद उस जहाज को गिरा देने वाला है।
जिन्दगी जैसी हम देखते हैं उतनी सरल नहीं है। सब चीजें समझ में नहीं आती हैं । लेकिन इतनी बात समझ में आती ही है कि अकारण कुछ भी नहीं है। कर्म के सिद्धान्त का बुनियादी आषार यह है कि अकारण कुछ भी नहीं है। दूसरा बुनियादो आधार यह है कि जो हम कर रहे हैं वही हम भोग रहे हैं। और उसमें जन्मों के फासले नहीं है । और जो हम भोग रहे हैं, हमें जानना चाहिए कि हम उस भोगने के लिए जरूर कुछ उपाय कर रहे हैं, चाहे सुख हो, चाहे दुःख हो, चाहे शान्ति हो, चाहे अशान्ति हो ।
प्रश्न : जो बच्चे भंगहीन पैदा हो जाते हैं या अन्धे पैदा हो जाते हैं या अस्वस्थ पैदा हो जाते हैं, उसमें उन्होंने कौन सा कर्म किया है जिसकी वजह से वे वैसे हैं।