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प्रश्नोत्तसावन
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किन्तु यह बात ही गलत है। हो सकता है कि एक आदमी दस रुपए की जगह पांच रुपए का रखने का अभ्यास करे । यह अभ्यास होगा। मूर्छा नहीं टूटेगी। क्योंकि अगर मूर्छा टूट गई होती तो महावत उपलब्ध होता। मूर्छा के टूटते ही महाव्रत उपलब्ध होता है। महाव्रत का जीवन व्यवहार में अणुव्रत दिखाई पड़ सकता है। लेकिन मूर्धा टूटते ही अणुव्रत उपलब्ध नहीं होता, महावत उपलब्ध होता है। और अगर एक आदमी के पास दस रुपए थे. और उसने अभ्यास कर पांच का अणुव्रत साप लिया, कल अभ्यास करके चार का साथ लिया, परसों तीन का, फिर दो का, फिर एक का और आखिर में उसने अपरिग्रह भी साथ लिया तो भी मूर्छा नहीं टूट सकती क्योंकि हमें साधना उसे पड़ता है जिसकी हमारी मूर्छा नहीं टूटती है। जिसकी मूर्छा टूट जाती है वह साधना नहीं पड़ता है । वह सहज आता है । मूर्छा टूटी या नहीं, इसका एक ही सबूत है कि जो आपसे हो रहा है साधना पड़ा है, या कि आया है। अगर आया है तो मूर्छा टूटी और अगर साधना पड़ा तो मूर्छा नहीं टूटी क्योंकि साधना उसके खिलाफ करनी पड़ती है, अपने ही मन के खिलाफ । मेरा मन कहता है कि मैं दस रुपए रखू । मेरा व्रत कहता है कि मैं पांच रुपए रखू। तो मैं लड़ता किससे है ? अपने मन से लड़ता हूँ जो कहता है दस रखो। मन तो दस का है,
और व्रत पाँच का है। तो मैं लड़ता अपने से हूँ। मूर्छा टूट जाए तो मन ही टूट जाता है। दस का नहीं, पांच का नहों, दो का नहीं, एक का नहीं। मन परिग्रह का ही टूट जाता है। उस हालत में भी वह पांच रुपए रख सकता है। लेकिन तब वह सिर्फ जरूरत होगी उसकी मूर्छा नहीं क्योंकि जीवन-व्यवहार में, जीवन में जहां हम जी रहे हैं, मूर्छा टूट जाने पर भी एक आदमी मकान में सो सकता है। लेकिन मकान उसका परिग्रह नहीं है। मूर्छा टूटने का मतलब यह नहीं कि चीजें हट जाएंगी। मूर्छा टूटने का मतलब यह है कि चीजों से जो हमारा लगाव है वह छूट जाएगा। एक आदमी मकान में सो रहा है। यह मकान 'मेरा' है। मूा इस 'मेरे में है। मूळ मकान में सोने में नहीं है । तुम्हारे खोसे में पांच रुपए है, इसमें मूर्छा नहीं है।
मैंने सुना है एक नदी के किनारे दो फकीर है। उनमें विवाद हो रहा है। एक फकीर कहता है कुछ भी रखना ठीक नहीं है। वह एक पैसा भी पास नहीं रखता है। दूसरा फकीर कहता है : 'कुछ न कुछ पास होना जरूरी है।' नहीं तो बड़ी मुश्किल पड़ जाएगी। फिर वे दोनों नदी के तट पर माए । सांस हो । गई है। सूरज ढल रहा है। नाव वाला है। नाव वाला उनसे कहता है; एक