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महावीर : मेरी दृष्टि में
में। और, ध्यान रहे सत्य को जानना तो कठिन है ही, सत्य को प्रकट करना और भी कठिन है। महावीर की अपनी शक्ति है। अगर महावीर को सब मिल गया है तो यह तपश्चर्या, यह साधना, यह उपवास, यह बारह वर्षों का लम्बा काल-यह क्यों हो रहा है ? यह क्या कर रहे है ? अगर मैं कहता हूँ कि वह पाकर लौटे हैं तो यह क्या कर रहे हैं ?
तो जितना गहरा देखने की मैंने कोशिश की उतना मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूँ कि यह अभिव्यक्ति के सब उपकरण खोजे जा रहे हैं और बहुत तरहों पर अभिव्यक्त करने की कोशिश की जा रही है जिसकी कम शिक्षकों ने फिक्र की है, कभी भी। यानी जीवन के जितने तल हैं और जितने रूप हैं, उन सब रूपों तक सत्य की खबर पहुँचाने की अद्भुत तपश्चर्या की है उन्होंने । यानी सिर्फ मनुष्य से ही यह नहीं बोल देना है क्योंकि मनुष्य तो सिर्फ जीवन की एक छोटी सी घटना है; मनुष्य जीवन-यात्रा को केवल एक सीढ़ो है-एक ही सोढ़ी पर सत्य नहीं पहुंचा देना है, मनुष्य से पीछे की सीढ़ियों पर भी उसे पहुंचा देना है, मनुष्य से भिन्न सीढ़ियों पर भी उसे पहुंचा देना है। यानी पत्थर से लेकर देवता तक सुन सकें, इसकी सारी व्यवस्था उन्होंने की है। जो चेष्टा है वह यह कि जीवन के सब रूपों से संवाद हो सके और सब रूपों पर सत्य को अभिव्यक्त किया जा सके। वह तपश्चर्या सत्य की उपलब्धि के लिए नहीं है, सत्य की अभिव्यक्ति खोजने के लिए है। और तुम हैरान होगे कि सुबह सूरज को देखकर सौन्दर्य को अनुभव कर लेना बहुत सरल है; लेकिन उगते हुए सूरज को चित्रित करने में हो सकता है कि जीवन लग जाए, तब माप समर्थ हो पाएं।
विन्सेन्ट वानगोंग ने जो अन्तिम चित्र चित्रित किया है, वह है सूर्यास्त का। यह इधर मनुष्य जाति में हुए दो चार बड़े चित्रकारों में एक है वानगोंग । और अन्तिम चित्र उसने सूर्यास्त का चित्रित किया जिसे पूरा करते ही उसने आत्महत्या कर ली। और लिखा गया कि जिसे चित्रित करने के लिए जीवन भर से कोशिश कर रहा था वह काम पूरा हो गया। और अब सूर्यास्त ही चित्रित हो गया। अब और रहने का अर्थ क्या है और इतनी आनन्दपूर्ण घड़ी से मरने के लिए और अच्छी घड़ी न मिल सकेगी। सूर्यास्त चित्रित हो गया है, और वह मर गया है। आप हैरान हो जाएंगे कि इस चित्र को चित्रित करने के लिए उसने कैसी मुश्किलें उठाई, उसने सूर्यको कितने रूपों में देखा। सुबह से भूखा खेतों में पड़ रहा; जंगलों में पड़ा रहा; पहाड़ों पर पड़ा रहा। सूरज की पूरी यात्राएं, उसके भिन्न-भिन्न चेहरे, उसकी भिन्न-भिन्न स्थितियां, उसके भिन्न-भिन्न