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प्र. ६६ ग्राम लोगों की प्रार्थना सुनकर शूलपाणि ने क्या कहा था ?
शूलपाणि यक्ष ने अपना पूर्व - परिचय देकर, अपने साथ किये गये दुर्व्यवहार की बात कही । यक्ष ने कहा- आप मेरा एक मन्दिर बनाओ । उसमें मेरी प्रतिमा बनाकर रखो । दिन भर कोई भी व्यक्ति उसमें आकर पूजा भक्ति कर सकता है। रात में जो प्रवेश करेगा वह मृत्यु के मुख में जायेगा ।
उ.
१. १०० शूलपाणि यक्ष की बात सुनकर ग्रामवासियों ने क्या किया था ?
उ.
यक्ष के कहे अनुसार हड्डियों के ढेर पर उसका एक चैत्य बनाया गया। उसमें उनकी प्रतिमा बनाकर रखी । ग्रामवासी जनता उस चैत्य में प्रतिदिन इसकी पूजा करते थे ।
प्र. १०१ ग्रामवासियों को शूलपाणि यक्ष के अभिशाप
से कव मुक्ति मिली थी ?
प्रभु महावीर ने ग्रामवासियों से यक्ष के चैत्य में ठहरने के लिये अनुमति मांगी। ग्रामवासियों ने प्रभु महावीर को यक्ष के वारे में सब कुछ
उ.