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सोम ब्राह्मण ने दीन मुख से विनति करते हुए कहा, "आप उपकारी हैं, दयालु हैं, सबका दारिद्रय आपने दूर किया। मैं अभागा ही
रह गया, हे कृपानिधि ! मेरा उद्धार करो।" प्र. ७० म. स्वामी ने ब्राह्मण की याचना सुनकर क्या
किया था ? उ.
अपने कंधे पर रखे हुए देवदुण्य वस्त्र में से
आधा भाग चीरकर दे दिया। प्र. ७१ ब्राह्मण ने देवदुष्य वस्त्र का क्या किया ?
देवदुष्य वस्त्र को ठीक कराने के लिए ब्राह्मण एक रफ्फूगर ने पास गया तो उसने पूछा"यह अमूल्य देवदुष्या तुझे कहाँ से मिला?" ब्राह्मण ने सही बात बताई। रफूगर ने कहा'इसका आधा भाग और ले आयो तो संपूर्ण
वस्त्र को जोड़कर पूर्ण शाल तैयार कर हूँ। प्र. ७२ रफूगर की बात सुनकर ब्राह्मण ने क्या
किया ? उ. . वस्त्र का लोभी ब्राह्मण फिर भगवान महावीर
के पीछे दौड़ा। इस बार उसे मांगने की हिम्मत नहीं हुई, किन्तु वारवार वह महावीर