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उ. प्रभु महावीर का शरीर पित्तज्वर और खूनी
दस्तों के कारण शिथिल एवं कृश हो गया था। प्र. ५१३ म. स्वामी जब में ढिक ग्राम पधारे तब वहां
कौन साधना कर रहा था ? सिंह अरणगार तप-साधना कर रहे थे। छ?
छटु तप के साथ निरंतर ध्यान करते थे। प्र. ५१४ सिंह अरणगार कहां साधना कर रहे थे ? उ. सालकोष्ठक के निकट मालकाकच्छ में। प्र. ५१५ सिंह अरणगार ने नगरवासियों से क्या बात
सुनी थी ? "भगवान महावीर का शरीर बहुत क्षीण हो रहा है, कहीं गौशालक की भविष्यवाणी सत्य न हो जाय ?' तपस्वी सिंह अरणगार ने जैसे ही लोक-चर्चा सुनी. उनका ध्यान भंग हो
गया, मन खिन्न हो उठा। प्र. ५१६ सिंह अणगार ने लोकचर्चा सुनकर क्या
किया था ? सिंह अरणगार मालकाकच्छ से प्रस्थान कर सालकोष्ठक उद्यान में प्रभु के चरणों में पहुँचे । वे कुछ क्षण तक उदास, स्तब्ध, भ्रांत-से