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व्यर्थ! मगध के शासन-तंत्र के नाक में दम
आगया। प्र. ३७२ रोहिणेय किसकी योजना से पकड़ा गया था ? उ. अभयकुमार की। प्र. ३७३ अभय कुमार ने रोहिणे य द्वारा अपराध को
स्वीकार कराने के लिए क्या उपाय किया था? अभय कुमार ने हर सभव प्रयास किया, पर रोहिणेय ने अपना कुछ भी अपराध स्वीकार नहीं किया। आखिर देवविमान की तरह सजे हुए सात मंजिले महल में मादक सुरा
पिलाकर उसे पर्यक पर सुलाया गया। प्र. ३७४ रोहिणेय ने नशा उतरने पर क्या देखा था ? उ. . रोहिणेय नशा उतरने पर विस्मित रह गया।
आसपास के वातावरण को देखकर वह सोचने
लगा-क्या, वह किसी स्वर्ग में पहुंच गया है ! प्र. ३७५ अप्सरानों ने रोहिणेय से क्या कहा था?
अप्सरा जैसी दासियों आकर "जय ! विजय" के साथ मधुर स्वर में बोली-"पाप हमारे स्वामी । हैं. अभी-अभी आप पृथ्वी लोक से प्रयाग बार इस स्वर्ग विमान में युवतरित हुए हैं। अब :