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दम लेता। कुछ ही दिनों में रमणीय उद्यान के परिपार्श्व में नर-कंकालों का ढेर लग
गया। ३०१ अर्जुन के आतंक से नगर में क्या हुआ था ?
अर्जुन के आतंक से जनता का आवागमन वंद हो गया, गलियां और राजमार्ग सुनसान हो गये। राजगृह के द्वार बंद कर दिये गये और किसी भी व्यक्ति को नगर के बाहर अर्जुन की दिशा में जाने की सख्त मनाई कर
दी गई। प्र. ३०२ म. स्वामों के दर्शन करने के लिए जाने का
किसने निश्चय किया था ? सुदर्शन नामक एक दृढ़ श्रद्धालु आवक ने निश्चय किया। अपने संकल्प बल का सहारा लेकर वह नगर के बाहर दृढ़ता के साथ
आगे बढ़ा। प्र. ३.३ सुदर्शन को आते देखकर अर्जुन माली ने
क्या किया था ? बहुत दिनों के बाद मनुष्य को प्राता देखकर अर्जुन उन्मत्त की भांति मुद्गर लेकर उस ओर दौडा।
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