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की भाँति निश्चेष्ट खड़े मेरा अपमान होता देख रहे हो ? लगता है तुम में कुछ भी सत्य
नहीं है ?" प्र. २९८ अर्जुन की पुकार का यक्ष पर क्या प्रभाव
पड़ा था? अर्जुन के कोसने का यक्ष पर पूरा असर हुआ। वह अर्जुन के देह में प्रविष्ट हो गया। अर्जुन के बन्धन टूट गये। क्रोध और आवेशवश वह
उन्मत्त-सा हो गया। प्र. २६६ अर्जुन ने क्रोधावेश में आकर क्या किया था ? उ. वह मुद्गर हाथ में लिए दैत्य की भांति उठा
और काम-रत छहों पुरुषों एवं अपनी पत्नी बन्धुमती की हत्या कर डाली। इस पर भी
अर्जुन का क्रोध शांत नहीं हुआ। प्र. ३०० अर्जुन का क्रोध शांत नहीं होने पर उसने
क्या किया था ? उसके मन में मनुष्य जाति के प्रति भयंकर घृणा के भाव भर गये। वह भूखे
शेर की भाँति प्रतिदिन मनुष्यों पर झपर . कर छः पुरुषों एवं एक स्त्री को हत्या करवे