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( २४२ ) लिए भी मनमारे बैठे रहे क्यों कि नगर के
वाहर अर्जुन का आतंक फैला हुआ था। प्र. २८७ अर्जुन कौन था ? . . . उ. एक मालाकार था। . . . . . . प्र. २८८ अर्जुन की पत्नी का नाम क्या था ?
बंधुमती . . प्र. २८६ अर्जुन क्या करता था ?. ... .. .. . .उ. नगर के वाहर उसका एक बहुत सुन्दर व्याव
सायिक उद्यान था। अर्जुन बहुत सबेरे उठकर अपनी पत्नी बंधुमती के साथ उद्यान में जाता। विभिन्न रंगों व अनेक जातियों के फूलों को चुनता, उनके गुलदस्ते, गजरे, हार व मालाएँ बनाकर नगर में वेचता और
अपनी आजिविका चलाता था । प्र. २६० उद्यान में किसका मन्दिर था ? .उ. उसके कुल देवता मुद्गरपाणि यक्षका प्राचीन
मंदिर था। 'प्र. २६१ अर्जुन के उद्यान में कौन घुसे थे? उ. एक वार अर्जुन के उद्यान में छः बदमाशों
की एक टोली घुस गई थी। . ... ..