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प्रार्थना स्वीकार कर वे अपने घर आये है, चौथी मंजिल में मैंने उन्हें बैठाया है ।" बेटा ! दो-तीन मंजिल उतरकर तो अपने स्वामी का स्वागत करना चाहिए ।"
प्र. २४४ माता की बात सुनकर शालिभद्र ने क्या किया था ?
शालिभद्र माता के आग्रह पर नीचे आया,. अनमने भावसे राजा से औपचारिक मुलाकात की । श्रेणिक और चेलरणा आदि राज परिवार के सदस्य शालिभद्र के सहज वैभव सौन्दर्य व सुकुमारता से अत्यन्त चकित हुए, पर शालिभद्र इस मुलाकात से खिन्न हो गया | प्र. २४५ शालिभद्र को वैराग्य कब हुआ था ?
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राजा श्रेणिक के आगमन पर माता भद्रा जव शालिभद्र को बुलाने के लिए गई, तब उसने : राजा का परिचय कराते हुए "राजा अपने: स्वामी है, नाथ हैं" ऐसा कहा । शालिभद्र ने "स्वामी ! नाथ ! ये शब्द जीवन में पहली पहली वार सुने थे । इन शब्दों की ध्वनि से उसके मन, मस्तिष्क और श्रन्तश्चेतना के तार