________________
करने आते देखकर वे वहीं स्थिर खड़े हो गये। उनको तेजोदीप्त मुखमुद्राको देखते ही दुष्ट वैश्य । के हाथ से तलवार छूट गई और वह उसी के सिर पर जा पड़ी । दुष्ट वैश्य अपने ही दुष्कृत्य
से मर गया। प्र, ३९३ म. स्वामी ने द्वादश चातुर्मास कहां किया था ? उ. चंपानगर में। प्र. ३९४ म. स्वामी ने द्वादश चातुर्मास में क्या तप
किया था ? उ. चारमासों तप ( एक साथ १२० उपवास ) प्रे. ३६५ म. स्वामी ने द्वादश चातुर्मास के बाद किस
ओर विहार किया था।
छम्माणि गाँव की ओर । प्र. ३६६ म. स्वामी को चातुर्मास के बाद कौनसा उपसर्ग
पाया था ? उ. कान में शूल भोंकनेका। प्र. ३९७ म. स्वामी के कानमें शूल कहाँ भोंकी गई थीं? उ. छम्माणि ग्राम के बाहर उद्यान में। प्र. ३६८ म. स्वामी के कानमें शूल किस अवस्था में
की गई?