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प्र. ३५६ मूला सेठानी ने शंका में ही चन्दना के साथ
कैसा व्यवहार किया था? . उ. एक दिन धनावह सेठ नगर से कही बाहर
गया था। दुष्ट मूला सेठानी ने यह अवसर देखकर चन्दना के भ्रमर-से काले केशों को उस्तरे से मुडवा दिये, तन पर सिर्फ एक पुराना वस्त्र लिपटा छोड़ा, हाथ-पैर बेड़ियों से जकड़ दिये और पकड़ कर भूमिगृह में डाल दिया। भूमिगृह पर ताला लगाकर अपने
पीहर में चली गई। ‘प्र. ३५७ म. स्वामी कौशंबी नगर में कितने समय से
भिक्षार्थ पर्यटन करते थे ? चार महीने से पर्यटन करते थे लेकिन उनका
संकल्प पूर्ण नहीं होता था। प्र. ३५८ म. स्वामो किसके यहाँ भिक्षार्थ जाते थे ? उ. कौशंबी नगर के महामात्य सुगुण के घर
भिक्षार्थ जाते थे। प्र. ३५६ म. स्वामी को भिक्षा लिए बिना लौटने पर
किसको गहरी चोट पहुंची थो ? महामात्य की पत्नी सनन्दा प्रभुको उपासिका