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: १६ : जिन्होंने आत्मीय स्वावलम्वन का
परमोत्कृष्ट आदर्श प्रस्तुत करके
अपने पौरुष को पूर्ण रूपेण अपनी वैयक्तिक पर्याय मे व्यक्त किया
और
जिन्होने मुक्ति "प्राणिमात्र का जन्म सिद्ध अधिकार"
इस दिव्य निनाद को तीनो लोको मे गुजायमान किया
उन्ही
महावीर श्री
के पुनीत चरणो मे
हमारे कोटि कोटि प्रणाम परम-पुनीत पच्चीस वें शतक पर भाव-भीनी विनयाञ्जलि
अर्पयिता -
धर्मचन्द जैन पांड्या रतन वेस्ट मकराना स्टोन सप्लाई कम्पनी
मकराना (राजस्थान) मकराना सगमरमर के किसी भी काम के लिये सेवा का मौका दें