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NAAD
JAMPA
वीर वाणी को अन्तस में उतारो
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श्री रमेश जैन 'अरुण' . व्याख्याता शास० उ० मा० शाला सुरखी (सागर)
म० प्र०
महावीर तुम्हारी सत्य अहिंसा हो गई कैद इस एटमी युग मे शांति को निगल गई क्रान्ति की निशाचरी तुम्हारे अनुयायी गाधी को मार दी गई गोली अध्यात्मवाद की हो रही नीलामी लग रही जगह जगह बोली झूठी आस्था के खडे हो रहे महल पाखंडो का लगाया जा रहा पलस्तर वाणी भूपण के कुशल कारीगर