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________________ - - - अपने अनिम तीर्थकर श्रीमहावीरम्वामीका जीवनचरित्र 'प्रकट होनेकी अतीव आवश्यक्ता श्री जिसके लिए करीब तीन वर्ष हा हमारे पूज्य मित्रवर पं० पन्नालालनी वाकलीवालसे यातालाप करतेसमय हमें सम्मति-मिली थी कि श्री महावीरपुराणमातमें म. संकलकीर्ति रुत है और एक दूसरा महावीरचरित्र अशगकवि रत है जो बम्बईक मंदिरके शास्त्र भंडाग्में है निममें अशग कवि, कृत महावीर चरित्रकी रचना उत्तम है इसलिए इसका अनुक्द प्रकट करना चाहिए । इमपरमे हमने 'मृत्यबादी मासिकके मुयोग्य संपादक और स्वर्गीय न्यायवाचस्पति वादिगनगरी पं० गोपालदासनी बरेयाके शिष्य पं० ग्वचंदनी शास्त्राने इस महावीर चरित्रका अनुवाद कराना प्रारंभ किया परंतु आपको अनुवाद करते देखकर इनके सहयोगी पं० मनोहरलाल शास्त्रीका विचार हमा कि पं० खुवचंदजी तो यह कार्य धीरे धीरे करेंगे परंतु में यदि भ० सालकीर्तिलत महावीरपुराणका अनुवाद शीय ही तयार करके प्रकट कर दूं तो अच्छी विक्री हो जायगी आदि। बस, उन्होंने ऐसा ही किया और श्री महावीरपुराणका अनुवाद प्रकट कर दिया जो करीब दो वर्षसे बिक रहा है। अब हमारा इरादा तो यही था और है भी कि किसी भी
SR No.010407
Book TitleMahavira Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKhubchand Shastri
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages301
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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