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________________ # * ལ་ཡ་ 'མུ་འབྦཡ मशाल ? ཚེ་ ཚེ ཛྷ ཚེ རྒྱུ་ སྤྱི ་ TE होते हैं। अली के तार झपारी हाइन ताहि बजाति है। भूपयर के सारस से शामाई गुडि उति है र बानि बहु और जोर औ डाक लावति है और भयंकर देह पर कौर श्रौं काल सो आवति है वि ~~ लुकेतलाया ललिय सुन्द्रासुर की जोइ ! मायाकी दम ताड़का होई दोन कन्यावा इसे डेख बड़ा बर लगता है। ཁྱབ་གསལ་བཨཔྤཙེ ཨུ ག विजा-रान की टुइही कर भैया इसे मार दो। सीला~हाद झाब यही इस काम को थे । राम-गुरुजी यह ली हैं। समिर ----सुजा तुमने। सीता बिल्लय और अनुराग)बह कुछ और सोच रहे हैं राजा-वाह वाह को न हो इधाकुवंशी झो।। सास--अरे शरथ का लड़का रामचन्द्र यही है । विपुल माइका रूप मनि जाहि ने भय नाहिं। मारन मह तेहि नारि ललि कटु सकुचत मन माहि ॥ विश्वाड-भैया जल्दी करो देखो आये कितने ग्राहण मारे गये हैं राम तो आप जानिए छोरलेश बिन नित्य रहि भये जो वेद समान । पुण्य पापके विषय यह प्रापहि रहैं प्रमात । ( बाहर जाता है। सोता-हाय इनके ऊपर तो वह प्रलयके बवंडल की नाई आही है।
SR No.010404
Book TitleMahavira Charita Bhasha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLala Sitaram
PublisherNational Press Prayag
Publication Year
Total Pages133
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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