________________
भगवान महावीर । mmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmimmmmm
और संभवतः इनके एक सहयोगी नागरिक थे। इसमें संशय नहीं कि वैशालीमें इनके धर्मके अनुयायी एक विशाल संख्यामें थे। और उच्च पदाधिकारी थे; जैसे सेनापति 'सिह और प्रख्यात् राजा चेटक, इनकी राजधानी वैशाली एक विशाल नगरी थी जिसका वर्णन अगले अध्यायमे करेंगे । यहाँपर केवल इनके आचार विचार
और राज्य प्रणालीका उल्लेख करना अभीष्ट है. . . , .. ..लिच्छावी वजियन राजसंघमें सम्मिलित थे, जिसकी सत्ता समस्त वजी वा वृजी देशपर कायम थी। इस संघमे कितनीक जातियाँ -सम्मिलित थी, जो संभवत. आठ थी। यह जातियां आपसमें बड़े प्रेम और स्नेहसे रहती थी, जिसके कारण उनकी आर्थिक दशा समुन्नत होनेके सायर ऐक्यता ऐसी थी कि जिसने उन्हें बड़ा प्रभावशाली राज्य बना दिया था। इन जातियोके लोग बड़े दयालु और परोपकारी थे। और अति सुन्दर थे। इनको विविध प्रकारके तेन रंगोंसे बड़ा प्रेम था। यह जातियां अलग अलग रंगके कपड़े और सुन्दर बहुमूल्य आभूषण पहनती थी। उनके घोड़े गाड़ियां सोनेकी थी। हाथीकी अम्बारी सोनेकी थी।
और पालकी भी सोनेकी थीं। इससे उनके समृद्धिशाली और पूर्ण सुखसम्पन्न होनेका पता चल जाता है। परन्तु वे ऐमी उद्ध ऐहिक अवस्था होते हुए भी विलासिताप्रिय नहीं थे। उनमें व्यभिचार इतकमी नहीं गया था। वास्तव ने स्वतंत्रतानिय थे।
और किसी प्रकारको भी आधीनता स्वीकार ग्ना उनके लिए सहन मार्य न था। उनमें जोरीका नाम निमान नी था। उल्लष्ट कार गरीको सूख अपनाने में और नाविका विदा विधाय