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भगवान महावीर। शक संवतका प्रारंभ सन् ७८ ई. से होता है। इसलिए भगवान महावीरको निर्वाणकी प्राप्ति ईसासे पूर्व . ५२७वें वर्षमें हुई थी। जैसा कि सम्पूर्ण जैन सम्प्रदाय आजकल मानती है।
इसी मतकी पुष्टिं अन्यग्रन्थ भी करते हैं। आर्यविद्या सुधाकरमे उल्लेख है कि राजा विक्रमादित्यसे १७० वर्ष पहिले भगवान महावीरको मोक्षलाम हुआ था । यथा
ततः कलिनानखडे भारते विक्रमात्पुरा। खमुन्यं बोधि विमते वर्षे विराहयो नरः॥१॥ प्राचारजैनधर्म बोधर्म समप्रभम् ।
राजा विक्रमादित्यका संवत ईसासे पूर्व ५७ वर्षसे प्रचलित होता है । इस प्रकार भी भगवानके मोक्षलामका समय वही १२७ बैठता है।
इससे भी प्रकट प्रमाण इसकी पुष्टिका दिगम्बर आम्नायकी सरस्वती गच्छकी पट्टावली हैं, जिनका उल्लेख हार्नलने Indian Antigaury lol XX P. 341 odd Vol XXI P. 75 पर किया है। पहावलीकी भूमिकामें लिखा है कि:
(२०) बहुरि श्री वीर स्वामी मुक्ति गये पीछे च्यारससत्तर ४७० वर्ष गये पीछे श्रीमन्महारान विक्रम रानाका जन्म भया|....
इससे भी भगवान के निर्वाणकी तिथि ईसासे पूर्व १२७ की सिद्ध होती है। भोर पावली की भूमिकाकी निम्न गाना भी इसी भावको व्यक्त करती है (१३)....नवरि बटुसहगुतो तिकाला विकलो एवई गम्मो।