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भगवान महावीर ।
है। पश्चात् आपका विवाह गान्धार देशकी राजकन्या गन्धर्वदत्तासे हुवा था। गन्धर्वदत्ताको आपने वीणा बजानेमें परास्त किया था क्योकि ज्योतिषियोंने पहिले ही कह दिया था कि गन्धर्वदत्ताका पति वह होगा जो इसे वीणावादनमें परास्त करेगा। .
पश्चात् एक समय जीवंवरने एक कुत्तेको मरते समय बड़ी सान्त्वना देकर णमोकार मंत्र सुनाया, जिससे मरकर वह सुदर्शन नामक यक्ष हुआ। इस कुत्तेको ब्राह्मणोंने हविद्रव्य दृषित करने के कारण मारा था।
— राजपुरीमें सुरमंजरी और गुणमाला दो कन्यायें थी । 'गुण- , माला जिस समय स्नान करके घर जारही थी, उस समय एक उन्मत्त हाथी छूटा हुआ था। वह कन्यापर झपटा ही था कि, कुमारने जाकर उसे मारकर अलगकर दिया। इस समय इन दोनोंकी चार आंखें होगई । गुणमाला कुमारपर मोहित होगई और अन्तमें उसके मातापिताओने बड़ी प्रसन्नतासे उसे कुमारके साथ व्याह दिया । और सुरमंजरीसे भी कुछ काल पश्चात् कुमारने विवाह कर लिया था। कुमारने गुणमालाको बचाते समय काष्टांगारके हाथीको कड़ा मारा था। इसलिये क्रोधित होकर उसने इन्हें पकड़ बुलवाया और मार डालनेका हुक्म दे दिया। कुछ समयमें लोगोंने समझा कि कुमार मार डाले गए, परन्तु यथार्थमें उन्हें सुदर्शन यक्ष उठा ले गया और चन्द्रोदय पर्वतपर उन्हें पहुंचा दिया। वहांते चलकर कुमारने एक स्थानमें हाथियोंगे दावानलसे जलते हुए बचाया और अनेक तीरोंकी वन्दना ही। आगे चंद्रमा नगरीके राना धनपतिकी पुत्री पनाको जिसे कि