SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 53
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( ५२ ) शीला मैं भी जब बीमार पड़ी थी, तब मैंने दूध पिया था । राकेश मैंने भी उस दिन पिया था जब वह काली बकरी घर में बंद कर ली थी और अम्मा ने उसका दूध दुह लिया था । सतीश मुझे पहले मिलता था दूध आधी कटोरी ; अब नहीं मिलता । शीला अब तो तू बड़ा हो गया है। दूध तो बच्चे पीते हैं । सतीश सात-आठ बरस का ही तो हूँ । कहती है, बड़ा हो गया । राकेश दूध श्राजकल अच्छा नहीं मिलता ; निरा पानी होता हैं। ऐसे दूध से न पीना अच्छा । शीला अम्मा कहती थीं, सबको दूध तब मिले जब बहुत से रुपए हों । पर हमारे पास रुपए नहीं हैं, हम गरीब हैं । सतीश जिसके पास रुपए न हों वह गरीब होता है ?
SR No.010395
Book TitleKarmpath
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPremnarayan Tandan
PublisherVidyamandir Ranikatra Lakhnou
Publication Year1950
Total Pages129
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy