SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 47
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सतीश .. मेरे लिये भी कमीज का कपड़ा लेने को कहा था। शीला अबकी श्रावेगा तो सब ले लेंगे। सतीश माँ तो कहती हैं, कपड़े मिलते ही नहीं। यह तो गटर लादे है। चाहे जितने ले लो। शीला हाँ, हैं तो बहुत कपड़े इसके पास । [ एक गधा अाता है। लड़के उसे ईंट-पत्थर से मारते हैं। गधा लँगड़ाता हुआ चला जाता है। ] सतीश बड़े बुरे हैं ये लड़के । बेचारे गधे को मार रहे हैं। शोला उसके भी चोट लगती होगी, इन लड़कों को नहीं मालूम । सतीश बेचारा गधा मन में रोता हागा । शीला अगले जन्म में ये लड़के गधे होंगे और गधा होगा लड़का। तब वह भी इन्हें मारेगा; इनसे बदला लेगा।
SR No.010395
Book TitleKarmpath
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPremnarayan Tandan
PublisherVidyamandir Ranikatra Lakhnou
Publication Year1950
Total Pages129
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy