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राजीव क्यां ' बात क्या है ?
कांति रेशमी साड़ी का मूल्य मैं समझ गयी हूँ। मुझे अब खद्दर को साड़ी हो ला देना । ( हाथ जोड़कर सजल नेत्र होकर ) मेरी आज की भूल के लिए क्षमा करो।
[राजीव सप्रेम उसके जुड़े हुए हाथ अपने हाथों में ले लेता है।