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________________ कर्मशाला परिकलन/39 - घात और घातांक : जब कोई राशि 'अ' अपने आप से 'ब' वार गुणा होती है तो गुणा अ.अ.अ..""अ (ब बार) को 'अ१ चिह्न द्वारा लिखा जायेगा जो कि इस प्रकार लिया जाता है 'ब घात अ की' या 'अ की घात ब' या 'अ से ब'। यहां राशि अ आधार कहलाएगी और ब, पूर्ण संख्या, घातांक कहलाएगी। घातांक के नियम : जब ल और व घनात्मक पूर्ण संख्यायें हों तो निम्नलिखित परिणाम प्राप्त किए जाते हैं। 1. अल अब - अल+व 2. अल अल-ब 1 ल-व जहां कि अ#0 3. (अल )व =अल व 4. (अव)ल - सजन . ( ) - 5, जहां कि ब0 उदाहरणः (i) अ.अ =अ2+3= 5 अ6 अ - ==अ2-3 -अ5-7 -अ-2... । (iii) (अ)5-30 अ°का मान: पहली बार देखने में ही यह शून्य होगा। परन्तु जब हम इसकी कीमत मावा द्वारा निकालेंगे जिससे कि हम जान कर हैं। हमारे पास इस प्रकार हैं: अ22 अ2-2 =अ० (घातांक के नियम द्वारा) परन्तु अ2 अ2 = .:. अ° -1 इसी प्रकार 20 = 1, 1000 =1, (अबस) +1 और अन्य कई चिह्नों के नियम उदाहरण +गुणा या भाग जमा द्वारा हमें+ का चिह्न देती है अ.ब = अ ब, अब = 4 -गुणा या भाग घटाने पर हमें+का चिह्न मिलता है--अ-ब-अब,-अ (-ब) = अ + गुणा या भाग-द्वारा हमें-का चिह्न देती है-अ.(ब) =-अ ब, अ (-ब) -गुणा या भाग+ द्वारा हमें-का चिह्न देती है ---अ.(ब)- -अब, -अ (ब) = -अ यह जरूरी नहीं है कि जमा का चिह्न किसी संख्या के आगे लगाए । इस का मतलब ही जमा होता है गुणा : एक सी अनेक संख्याओं के जोड़ निकालने की सरल विधि को गुणा कहते हैं ।
SR No.010393
Book TitleKarmashala Parikalan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGurubachansingh Narang
PublisherHariyana Sahitya Academy Chandigarh
Publication Year1987
Total Pages149
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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