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________________ कर्मशाला परिकलन/38 गुणांक : हमारे पास 4 अ ब एक बीज गणित की व्यंजक है जिस में 4, अ, ब इसके गुणन खण्ड हैं । इनमें से किसी एक गुणन खण्ड था 2 या 2 से अधिक गुणन खण्डों की गुणा को बाकी गुणन खण्ड का गुणांक कहते है । पद, सजातीय पद, विजातीय पद : पद : यह बीज गणित द्वारा बताई जाने वाली विधि है जो कि गुणनफल और भागफल की सामान्य संख्या और अक्षर है इस प्रकार 4 अबर, 2 अब', अ—पद है। बीज गणित के व्यंजक जो अलग पद रखते हों। 4 अ+3 अ+5 अ; अब+स-बसर सजातीय पद : जिन पदों में अक्षर और उनके घात समान हों तथा गुणांक केवल संख्यात्मक हो, उनको सजातीय पद कहा जाता है। विजातीय पद : जिन पदों में अक्षर या उनके घात भिन्न हो तो उन्हें विजातीय पद कहते हैं। उदाहरण के लिए: सजातीय पद : 1. 2 अब, 3 बअ', 5 अ'ब' 2. -4 क ख, ग क, --9 क ग विजातीय पद : 1. अब, 5 अ स, 9 बस जोड़ना (Addition) : बीज गणित में भी जोड़ अंक गणित की ही भांति किया जाता है। लेकिन ध्यान में रखने वाली कुछ महत्वपूर्ण बातें है। केवल सजातीय पदों को जो कि एक ही प्रकार के पद हैं इन्हें जोड़ा या घटाया जा सकता है। तुम सजातीय पदों के मंख्या सूचक गुणांक को जमा या घटा सकते हो। 7 अ+5ब को 3 अ-2ब में जोडो 7+5ब 3अ - 2ब 10अ+3ब 5अब+8बस को 9अस2 - 10 में जोड़ो 5अब+8बस 9अस. 10 5अ'ब'+8 +9अस-10 घटाना (Substraction) : बीज गणित में सजातीय पद ही घटाये जा सकते हैं। माना के चिह्नों के बाद जो कि घटाया जाना है तब दूसरे व्यंजक में जमा करो। चिह्नों का बदलना सोचकर किया जाता है। उदाहरण : अ-24-2स को 48-5ब+6स में से घटाओ 42-5ब+6स अ2-2ब-2स 332-34+8स
SR No.010393
Book TitleKarmashala Parikalan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGurubachansingh Narang
PublisherHariyana Sahitya Academy Chandigarh
Publication Year1987
Total Pages149
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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