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जीयामिगमसूत्रे
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तभी परिलाओ पन्नत्ताओ' चमरस्यानुरकुमारेन्द्रस्य मुस्कुमारराजस्य तिस्रः पर्पद' भज्ञता - 'तं जटा' तद्यथा-'समिया चंडा जाया' समिता चण्डा जाता 'अतिरिया समिया' आभ्यन्तरिका समिता 'मज्झिमिया चंग' माध्यमिका चण्डा 'बाहिरिया जाया' वाया जाता, इत्येवमन्तर प्रश्नः, भगवानाह - 'गोयमा । इत्यादि, 'गोमा' हे गौतम ! 'चमरस्स णं अतुर्रिदस्स असुररन्नो' चमरस्य खलु असुरकुमारेन्द्रस्य असुरकुमारराजस्य 'अविर परिसा देवा' आभ्यन्तर पर्यत्का:प्रथम बन्धिनो देवाः 'वाहिया हन्यमागच्छेति नो अन्त्राहिया' व्याहता आहूताः सन्तः 'हवं' शीघ्रं यथास्यात् तथा आगच्छन्ति नो अव्यहता आगच्छन्ति, 'मज्झिम परिसाए' माध्यमिकायां द्वितीयस्यां चण्डायां पर्पदि स्थिता देवा: 'वाहिया हव्य मागच्छेति अन्वाहिया वि' व्याहता आताः शीघ्रमाग च्छन्ति अव्याहा अपि शीघ्रमागच्छन्ति मध्यममतिपत्तिविषयत्वात् 'बाहिर दस्त तओ परिलाओ पण्णत्ताओ' असुरेन्द्र चमर की तीन परिषदाएं है 'समिया चंडा जाया' पहिली समिता दूसरी चंडा और तीसरी जाया इनमें जो आभ्यन्तर सभा है उसका नाम समिता है मध्यमा जो परिषदा है उसका नाम चंडा है और 'बाहिरिया जाया' वाद्य जो परिषदा है उसका नाम जाया है। इसके उत्तर में गौतम से प्रभुश्री कहते है 'गोवा । चमरस्सणं असुरिंदस्त असुग्रन्नो अभितर परिला देवा चाहिता हन्याच्छंति, जो अवाहिता' हे गौतम! असुरेन्द्र असुरराज की जो आभ्यन्तर परिपक्ष है, उस परिषदा के देव जब बुलाये जाते है तब ही आते है । वे बिना बुलाये नही आते है ! 'नज्मिपरिसाए देवा वाहिता माग गच्छति' अन्वाहिला दि' मध्यम परिषदा के जो देव है के बुलाये जाने पर भी आते है और नहीं बुलाये जाने पर भी आते है 'बाहिर परिसा
भरनी । परिषहा है. भने लया. तेमां रे ध्यभाने परिषहा हे तेनु
रिंदस् त परिसाओ पण्णत्ताओ' सुरेन्द्र 'समिया चंद्रा जाया' पहेली समिता मील थंडा माभ्यन्तर परिषहा है तेनु' नाम समिता हे नाम थंडा हे भने 'बाहिरिया जाया' मा ने परिषा हे तेनुं नाम लया है ? या अश्नता उत्तरभां श्रीगीतभस्वामीने प्रभुश्री डे हे } 'गोयमा ! चमरस्वणं असुरि दस्स असुररणा अभितर परिता देवा वाहिता हन्यमागच्छति जो अव्त्राहिता' हे गौमत | सुरेन्द्र असुररान्नी ? माभ्यन्तर परिषदा है, તે પરિષદાના દેવે જો ખેલાવવામાં આવે તેજ આવે છે. તેએા એલાવ્યા बगर गावता नथी. 'मज्झिमपरिसाए देवा वाहिता हव्यमागच्छति, अन्वाहिता વિ' મધ્યમ પરિષદાના જે દેવે છે તેઓને ખેલાવવામાં આવે તે પશુ આવે हे भने विना मोक्षाच्या पथ आहे 'बाहिरपरिखा देवा अण्वादिता दव्ष