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प्रमेययोतिका टीका प्र.३ ७.३ ४.३४ एकोरुकद्वीपस्याकारादिनिरूपणम्
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· परिणामे परिपाके बलवीर्य हेतवो भवति, 'मज्ञ्जविधि बहुप्पगारा' मस्य विधिना विधानरीत्या यदि गण्यन्ते तदेते रसा आसवारिष्टाऽवले क्वाथ वटिकादिभिदेव प्रकाराः 'तदेवं ते मत्तंगा वि दुमगणा' तदेवम् - बहुरसभेदवन्तस्तेऽपि मानाद्रुमगणा ज्ञेयाः किं ते वनपालादिना समारोप्यन्ते ? तत्राह - 'अणेग बहुविविहवीससा परिणयाए मजविद्दीए उत्रवेया' अनेक बहुविविधविस्रपा परिणतेन भनेको व्यक्तिभेदात् बहु प्रभूतम्, यथास्यात्तथा विविधो-जाति भेदान्नानाप्रकारो विधिः- स च - केनापि लोकपालादिना निष्पादितोऽपि न भवेचत आह-विस्रसा जैसे प्रशस्त रस से, प्रशस्त स्पर्श से मृदु स्निग्ध उष्ण स्पर्श से युक्त होते हैं।
अब उन रसों के गुण का वर्णन करते हैं- 'बलचीरिय परिणामा ' पूर्वो सब रस फिर बल, शारीरिक बल, वीर्य आन्तरिक बल इन दोनों में परिणत होने वाले होते है अर्थात् वे रस बल और वीर्य को बढाने वाले होते हैं । 'मज्जविधि बहुष्पगारा' मद्य अर्थात् प्रमोद जनक रस विशे के विधान से बहुत प्रकार के बताए गये हैं- जैसे-आलव, अरिष्ट अथ
क्वाथ टिकादि भेद होते हैं। पूर्वोक्त दृष्टान्नों को मत्तांग म गणों पर घटाते हैं- 'एवं मत्तंगावि दुमगणा' इन्ही पूर्वोक्त प्रकार के
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जैसे रस वाले वे मत्तांग नाम के दुमगण एकोरुक दीप में होते हैं। क्या द्रुमगण किसी लोकपाल तथा वनपाल आदि द्वारा लगाये जाते हैं ? इस शंका का निराकरण करने के लिये सूत्रकार कहते हैं- 'अणेगबहुविविहवीससा परिणयाए बज्ज विहीए उववेया' अनेक व्यक्ति भेद ले
शुभ्साहि वाधु थी, प्रशस्त गंध, मेटले } सुरभि गंधधा, सेलडी, गोज, सा१२, અને મત્સ્યંડિકાના જેવા પ્રશસ્ત રસથી પ્રશસ્ત સ્પર્શથી, મૃદુ, સ્નિગ્ધ ઉષ્ણુ સ્પર્શથી યુક્ત હાય છે.
डवे मे रसोना गुणानु वर्षान अवामां आवे छे. 'बलवीरिय परिणामा ' કિત બધા રસા પછા ખળશારીરિક ખળ-વીય આંતરિક બળ આ બન્નેમાં પરિણત થવાવાળા હૈાય છે. અર્થાત્ આ રસ મળ અને વીર્યને વધારનારા हाय छे 'मज्जविहि बहुत्पगारा' भद्य अर्थात् प्रमोद १।२४ २स विशेषना વિધાનથી धारना तावत्रामां भाव्या छे. नेम आसव, अरिष्ट, यवसेर, કવાથ વટિકા વિગેર તેન ભેટા હોય છે. હવે પૂર્વોક્ત દૃષ્ટાંતેને મત્તાગ દ્રુમગ@ા પર घटावे छे. 'एव' मत्तावि दुमगणा' या पूर्वेत अरना रस नेवा रस વાળા તે મત્તાંગ નામના દ્રુમગણુ એકરૂક દ્વીપમાં હોય છે શુ? તે પ્રેમગણુ કોઇ લાકપાલ તથા વનપાલ વિગેરે દ્વારા લગાવવામાં આવે છે? આ શંકાનુ નિવારણ કરવા सूत्रार उडे के है 'अगबहुविविहवीससापरिणयाए मज्ज
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