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जीव और कम-विचार। माँकी मंदतास मंद अनुभाग होता है | कमा २ परिणामों में विशेष विशुद्धि होनेम शुम प्रकृति ही अनुमानमें मुख्यतासे आती है इतर प्रकृतियों का अनुभाग नहीं होता है। इसी प्रकार परिणामों को विशेष मलिनताले केवल अशुन प्रकृतिका अनुभाग होता है, कमी शुभका विशेष और अशुमका कम, अशुम मा विशेष नो शुभका. कम अनुमाग होता है। ___ अनुमाग दो प्रकार होता है स्वप्रत्यय (स्वमुख ) और पर प्रत्यय (पामुख) मूल प्रकृतियों की सामान्यदृष्टिने विचार किया जाय ता स्वत्र स्वमुख ही अनुमा होगा। और उत्तर प्रकृतियों का परमुग्न अनुमान होगा। परंतु यह नियम सर्वत्र ही कार्यकारी नहीं है। आयुर्म और चारित्र मोहनोमका अनुमाग नियाले स्वप्रत्यय (स्वमुत्र) ही होता है। क्योंकि नरकायुका अनुभाग कभी भी किसी में निर्यदायुरूप वा मनुष्य वायुरूप नहीं होता है। इसीप्रकार दान मोहनीका अनुमाग चरित माहीरूप नहीं होता है और चारित्रमोहनीका अनुभाग दर्शन मोहनोलप नहीं होता है। • इसीप्रकार देशघानिप्रकृति और सर्ववानि प्रकृनियों की अपेक्षा से अनुभाग दोप्रकार होता है। देशघाती अत्माके गुणोमें सर्वाश कपसे घात नहीं करती हैं उसमें ऐसा अनुभाग नहीं होता है जिससे आत्माके सर्वाश गुणोंका घात हो और जिसका अनुमाँग आत्माके सर्वाश रूपले गुणोंका घात करनेवाला हो वह. संबंधोति प्रति है।