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जिनहर्ष ग्रन्थावली देवगिरै जनगढ़ बंदियै, उजेणी अंतरीख आणदीय झंझूवाडे श्री भोहड़ ए, अहिछत्ता मथुरा कलकुड ए। कलकुंड मोजावद जवनपुर आगरै राजग्रही । दहथली रावण कुक्कड़ेसर, जगत सहु आवे वही ।। पालीयताण भीनमाले, पारकर गोड़ी धणी। रतलाम नागद्रह अमीझर, छवट्टण महिमा घणी ॥२॥
ढाल-वीवाहला री श्रीपुर गोयल सुलखणपुर नवखंड कुंतीपुर जांणीय ए पुंजपुर राणपुर कुंभलमेर, मांडवगढ जास वखाणियै ए उदयपुर, सिवपुरी, अलवरगड, फलवद्धि सोवनगिरै गाईये ए नागपुर, जोधपुर, जेसलमेर, मरोठ, नाडूल सुख पाईयै ए ॥३॥ मेलगपुरवर अगम अजाहरो, चित्रकोटे वलि सादड़ी ए समेल, मगसी किरहोर, वाड़ीपुरे बीझपुर, बंदिये अणघड़ी ए नवयनगर, चोरबाड, भडकौल, प्रभु मंगल मंगलौर करु ए विगत,वाडोदरे,जुगत जीराउले, चतुर चारुपे तिम जिणवरूए॥४॥
ढाल-फाग री सेरीसे तिमरी नमु ए वरकांण महेवे घंघाणी जोजावरे ए सुरतर वर सेवे।
ओसोपे पाली जयौ ए वीलाई सामि तिल धारै हथणाउरे ए से सिर नामी ॥ ५ ॥ इन्द्रवाड़े आबू जयो ए, मुरवाड़ जिणेसर ।